प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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चषक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. मद्य पीने का पात्र । वह बरतन जिसमें शराब पीते हैं । प्याला । उ॰—(क) प्राण ये मन रसिक ललिता घी लोचन चषक पिवति मकरंद सुख रासि अंतर सची ।—सूर (शब्द॰) । (ख) इंद्रनील मणि महा चषक था सोम रहित उलटा लटका ।—कामायनी, पृ॰ २४ ।

२. मधु । शहद ।

३. एक विशेष प्रकार की मदिरा ।