प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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चर्चा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. जिक्र । वर्णन । बयान । उ॰—(क) हरिजन हरि चरचा जो करैं । दसी सुत सौ हिरदै धरैं ।— सूर (शब्द॰) । (ख) निज लोक बिसरै लोक पति घर की न चरचा चालहीं ।—तुलसी (शब्द॰) । वार्तालाप । बातचीत ।

३. किंवदंती । अफवाह । उ॰—पुरवासियों के प्यारे राम के अभिषेक की उस चर्चा ने प्रत्येक पुरवासी को हर्षित किया ।—लक्ष्मण (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—उठना ।—करना ।—चलना ।—छिड़ना ।—होना ।

४. लेपन । पोतना ।

५. गायत्रीरूपा महादेवी ।

६. दुर्गा ।