प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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चरख संज्ञा पुं॰ [फा॰ चर्ख]

१. पहिए के आकार का अथवा इसी प्रकार का और कोई घूमनेवाला गोल चक्कर । चाक । विशेष—इस प्रकार की चक्कर की सहायता से कुएँ से पानी खींचा जाता है, अतिशबाजी छोड़ी जाती है तथा इसी प्रकार के और बहुत से काम होते हैं ।

२. खराद । यौ॰—चरखकश । क्रि॰ प्र॰—चढ़ना । चढ़ाना ।

३. लकडी का एक ढाँचा जिसमें चार अंगुल की दूरी पर दो छोटी चरखियाँ लगी रहती हैं और जिनके बीच में रेशम या कलवत्त लपेटा जाता है ।

४. सूत कातने का चरखा ।

५. कुम्हार का चाक ।

६. गोफन । ढेलवाँस ७, वह गाड़ी जिस— पर तोप चढ़ी रहती है । उ॰—चरखिनु आकरषैं सदजल बरसै परदल घरषैं भले भले ।—सूदन (शब्द॰) ।

चरख ^३ संज्ञा पुं॰ [फा़॰ चरग] तेंदुए की जाति का लकड़बग्घा नाम का जानवर । बाज की जाति की एक शिकारी चिड़िया ।