प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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चनार संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ चनार] एक प्रकार का बहुत ऊँचा पेड़ जो उत्तर भारत, विशेषतः काश्मीर में बहुत अधिकता से होता है । विशेष—इसके पत्ते पंजे के आकार के होते हैं और जाडे़ में बिलकुल झड़ जाते है । इसकी लकड़ी पीलापन लिए सफेद रंग की और बहुत मजबूत होती है । यह बहुत देर में जलती है और मेज कुरसियाँ आदि बनाने के काम आती है ।