विशेषण

  1. कार्य और व्यवहार में कुशल, प्रखर
  2. चालाक, धूर्त

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

चतुर ^१ वि॰ पुं॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰ चतुरा]

१. टेढी चाल चलनेवाला । वक्रगामी ।

२. फुरतीला । तेज । जिसे आलस्य न हो

३. प्रवीण । होशियार । निपुण । उ॰—कवि न होउँ नहिं चतुर प्रवीनू । सकल कला सब विद्या हीनू ।

४. धूर्त । चालाक ।

५. सुंदर (को॰) ।

चतुर ^२ संज्ञा पुं॰

१. श्रृंगार रस में नायक का एक भेद । वह नाय क जो अपनी चातुरी से प्रेमिका के संयोंग का साधन करे । इसके दो भेद हैं—क्रियाचतुर और वचनचतुर ।

२. वह स्थान जहाँ हाथी रहती हों । हाथीखाना ।

३. नृत्य मे एक प्रकार की चेष्टा ।

४. वक्र गति । टेढ़ी चाल (को॰) ।

५. धूर्तता । प्रवीणता । होशियारी (को॰) ।

६. गोल तकिया (को॰) ।

चतुर ^१ वि॰ [सं॰ चतः चतुर्] चार ।