प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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चढ़ती संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ चढ़ना]

१. दे॰ 'चढ़त' ।

२. अभ्युदय । उन्नति । उ॰—पूँजी पाई साच दिनोदिन होती बढ़ती । सतगुरु के परताप भई है, दोलत चढ़ती । पलटू॰, भा॰

१. पृ॰ ३९ ।