चक्रवृद्धि संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] एक प्रकार का सूद या ब्याज जिसमें उत्तरोत्तर ब्याज पर भी व्याज लगता जाता है । सूद दर सूद । विशेष—मनु ने इसे अत्यंत निंदनीय ठहराया है । २. गाडी़ आदि का भाडा़ ।