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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

चक्रवर्त्ती ^२ संज्ञा पुं॰

१. एक चक्र का अधश्वर । एक समुद्र से लेकर दूसरे समुद्र तक की पृथ्वी का राजा । आसमुद्रांत भूमि का राजा । उ॰—चक्रवर्ति के लक्षण तोरे । देखत दया लागि अति मोरे—तुलसी (शब्द॰) ।

२. किसी दल का अधिपति । समूह का नायक ।

३. वास्तुक नामक शाक । वथुआ ।