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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

चक्रभोग संज्ञा पुं॰ [सं॰] ज्योतिष में यह की वह गति जिसके अनुसार वह एक स्थान से चलकर फिर उसी स्थान पर प्राप्त होता है । इसे परिवर्त भी कहते हैं ।