प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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चंद्रकाम संज्ञा पुं॰ [सं॰ चन्द्रकाम] वह पीडा जो किसी पुरुष को उस समय होती है, जब कोई स्त्री उसे वशीभूत करने के लिये मंत्र तंत्र आदि का प्रयोग करती है ।