चंडोल संज्ञा पुं॰ [सं॰ चन्द्र + दोल] १. प्रकार की पालकी जो हाथी को हौदे या अंबारी के आकार को होती है और जिसे चार आदमी उठाते हैं । २. मिट्टी का एक खिलौना जिसे चौघडा भी कहते हैं । उ॰—तीन एक चंडोल में, रैदास शाह कबीर । —कबीर मं॰, पृ॰ १२१ ।