प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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घुंडी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ ग्रन्थि]

१. कपड़े की सिली हुई मटर के आकार की छोटी गोली जिसे अँगरखे या कुरते आदि का पल्ला बंद करने के लिये टाँकते हैं । कपड़े का गोल बटन । गोपक । मुहा॰—घुंडी लगाना=(१) घुंडी टाँकना । (२) घुंडी में तुकमे से अंगरखे आदि का पल्ला अटकना । जी की घुंडी खोलना=हृदय की गाँठ खोलना । चित्त से दुर्भाव या द्वेष निकालना । दिल की घुंडी खोलना पु=दे॰ 'जी की घुंडी खोलना' । उ॰—प्रान पपीहौं दे आनंद घन दिल की घुंडी खोल ।—घनानंद पृ॰ ४२१ ।

२. हाथ या पैर में पहनने के कड़े के दोनों छोरों पर की गाँठ जो कई आकार की बनाई जाती है ।

३. बाजू, जोशन, आदि गहनों में लगी हुई धातु की गोल गाँठ जिसे सूत के घर में डालकर गहनों को कसते हैं । यह घुंडी प्रायः लटकती रहती है ।

४. एक प्रकार की घास ।

५. धान का अंकुर जो खेत कटने पर जड़ से फूटकर निकलता है । दोहला ।