घाइल पु † वि॰ [हिं॰ घाय] दे॰ 'घायल' । उ॰—प्रथम नगरि नूपुर रही जुरत सुरत रन गोल । घाइल ह्वै सोभा बढ़त कुच भर अधर कपोल ।—स॰ सप्तक, पृ॰ ३७३ ।