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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

घनचक्कर ^१ वि॰ [हिं॰ घन + चक्र]

१. मूर्ख । बेवकूफ । मूढ़ ।

२. निठल्ला । आवारागर्द ।

घनचक्कर ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ घन + चक्र]

१. वह व्यक्ति जिसकी बुद्धि सदैव चंचल रहे । चंचल बुद्धि का आदमी ।

२. वह जो व्यर्थ इधर उधर फिरा करे ।

३. एक प्रकार की आतिशबाजी । चकरी । चरखी ।

४. सूर्यमुखी का फूल ।

५. गर्दिश । चक्कर ।

६. फेरफार । जंजाल । मुहा॰,—घनचक्कर में आना या पड़ना = फेर में फँसना । संकट में पड़ना । उ॰—मैं बड़ै घनचक्कर में पड़ गया पर इसकी क्या चिंता ।—श्यामा॰, पृ॰ १११ ।