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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

घड़ा ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ घट अथवा सं॰ घट + क (प्रत्य॰)] मिट्टी का बना हुआ गगरा । जलपात्र । बड़ी गगरी । कलसा । घैला । कुंभ । ठिल्ला । मुहा॰—घड़ों पानी पड़ जाना =अत्यंतलज्जित होना । लज्जा के मारे गड़ जाना । जैसे—जब मैंने मुँह पर यह बात कही तो उसपर घड़ों पानी पड़ गया ।

घड़ा ^२ पु वि॰ [हिं॰ घना] अधिक । उ॰—अवर जनम थारे घड़ा हो नरेस ।—बी॰ रासो, पृ॰ ६५ ।

घड़ा ^३ पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ घट्ट] सेना । उ॰— तुरक घड़ा नव तेरही तेरह साख कबंध ।—रा॰ रू॰, पृ॰ ७० ।