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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

गोपुर संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. नगर का द्वार । शहर का फाटक । उ॰—ऐसे कहत गए अपने पुर सबहिं विलक्षण देख्यो । मणिमय महल फटिक गोपुर लखि कनक भूमि अवरेख्यो ।— मूर (शब्द॰) ।

२. किले का फाटक ।

३. फाटक । दरवाजा ।

४. स्वर्ग । गोलोक ।

५. सुश्रुत के अनुसार वैद्यक शास्त्र के प्रणेता एक प्राचीन ऋषि ।