प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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गोपि पु वि॰ [सं॰ गोप्य] गुप्त । गायब । उ॰—(क) गई गोपि ह्वैं भक्ति आगिली काढ़े प्रगट पुरातम खआस ।—सुंदर ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ १५३ । (ख) दे॰ गोप्य । उ॰—गोपि कहूँसौ अगोपि कहा ।—सुंदर ग्रं, भा॰ २, पृ॰ ६१७ ।