गोट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनगोट ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गोष्टी]
१. वह पट्टी या फीता जिसे किसी कपड़े के किनारे खूबसूरती के लिये लगाते हैं । मगजी ।
२. किसी प्रकार का किनारा । क्रि॰ प्र॰—चढ़ाना ।—टाँकना ।—लगना ।
गोट ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ गोष्ठ] गाँव । खेड़ा । टोली ।
गोट ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गौष्ठी]
१. मंडली । गोष्ठी ।
२. वह सैर जो नगर के बाहर किसी बाग या उपवन आदि में हो और जिसमें खाने पीने, विशेषतः कच्ची रसोई आदि, का प्रबंध हो ।
गोट ^४ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ गोटी] दे॰ 'गोटी' ।
गोट ^५ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गुटीका] चौपड़ का मोहरा । नरद । गोटी ।
गोट ^६ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ गोल] तोप का गोला । उ॰—जिन्ह के गोट कोट पर जाहीं । जेहि ताकहिं चूकहिं तेहि नाहीं ।—जायसी (शब्द॰) ।