गुल्म
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनगुल्म संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. ऐसा पौधा जो एक जड़ से कई होकर निकले और जिसमें कड़ी लकड़ी या डंठल न हो । जैसे,—ईख, शर आदि । विशेष—अर्कप्रकाश में गुल्म गण के अंतर्गत बरियारा, पाठा, तुलसी, काकजंघा, चिरचिरा आदि पौधे लिए गए हैं ।
२. सेना का एक समुदाय जिसमें ९ हाथी, ९ रथ, २७ घोड़े और ४५ पैदल होते हैं ।
३. पेट का एक रोग जिसमें उसके भीतर एक गोला सा बँध जाता है । विशेष—हृदय के नीचे से लेकर पेड़ू तक के बीच कहीं पर यह गोला उत्पन्न हो सकता है । भावप्रकाश के अनुसार यह गोला अनियमित आहार विहार तथा वायु और पित्त के दूषित होने से होता है ।
४. नसों की सूजन जो गाँठ के आकार की ही ।
५. झा़ड़ी (को॰) ।
६. दुर्ग । किला (को॰) ।
७. खाईबंदी (को॰) ।
८. ग्राम का थाना (को॰) ।
९. नदी के किनारे या घाट पर सुरक्षा के लिये बनी हुई चौकी (कौ॰) ।
१०. शिविर । सेनानिवेश (को॰) ।