गुप्त
जो किसी को पता नही ।
विशेषण
अर्थ
किसी को भी उस बारे में ज्ञान न होना। किसी वस्तु को छिपाना, छिपाई हुई वस्तु गुप्त वस्तु कहलाएगा।
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
गुप्त ^१ वि॰ [सं॰]
१. छिपा हुआ । पोशीदा । यौ॰— गुप्तचर । गुप्त गोष्ठी । गुप्तदान ।
२. गूढ़ । जिसके जानने में कठिनता हो ।
३. रक्षित ।
गुप्त ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. पदवी जिसका व्यवहार वैश्य अपने नाम के साथ करते हैं ।
२. एक प्राचीन राजवंश जिसने पहले मगध देश में राज्य स्थापित करके सारे उत्तरीय भारत में अपना साम्राज्य फैलाया । विशेष— इस वंश में समुद्रगुप्त बडा़ प्रतापी सम्राट् हुआ । इस वंश का राज्य ईसा की ५वीं और ६ठीं शताब्दी में वर्तमान था । चंद्रगुप्त । समुद्रगुप्त और स्कंदगुप्त आदि इसी वंश में हुए थे । गुप्तवंशीय चंद्रगुप्त का दूसरा नाम विक्रमादित्य भी था । बहुत लोगों का मत है कि प्रसिद्ध विक्रमादित्य चंद्रगुप्त ही हैं ।