गीति संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] १. गान । गीत । २. आर्या छंद के भेदों में से एक जिसके विषम चरणों में १२ और सम चरणों में १८ मात्राएँ होती हैं । इसे उदगाहा या उदगाथा भी कहते हैं । ३. एक साम मंत्र (को॰) ।