गिर संज्ञा पुं॰ [सं॰ गिरि] पहाड़ पर्वत । उ॰— जहँ यह गिरि गोबरधन सोहै । इंद्र बराक या आगे को है ।—नंद॰ ग्रं॰, पृ॰, १९० । २. संन्यासियों के दस भेदों में से एक । ३. काठियावाड़ देश का भैंसा ।