कपोल

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

गाल ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ गल्ल]

१. मुँह के दोनों ओर ठुड्डी और कनपटी के बीच का कोमल भाग जो आँखों के नीचे होता हैं । गंड । कपोल । जैसे,—लाल गुलाल सो लीना मुठी भरि बाल के गाल की ओर चलाई ।—दाव (शब्द॰) । मुहा॰—गाल फुलाना = (१) गर्वसूचक आकृति बनाना । अभिमान प्रकट करना । जैसे,—सो भलु मनु न खाब ह म भाई । बचन कहहिं सब गाल फुलाई ।—तुलसी (शब्द॰) । (२) रूठकर न बोलना । रूठना । रिसाना । उ॰—दोउ एक संग न होइ भुआलू । हँसब ठठाइ फुलाउब गालू ।—तुलसी (शब्द॰) । गाल बजाना = (१) डींग मारना । बढ़ बढ़कर बातें करना । उ॰—(क) वृथा मरहु जनि गाल बजाई । मनमोदकन कि भूख बुझाई—तुलसी (शब्द॰) । (ख) बलवान है स्वान गली अपनी तोहि लाज न गाल बजावत सोहै ।—तुलसी (शब्द॰) ।—(२) व्यर्थ बकवाद करना । मिथ्या प्रलाय करना । उ॰—कबीर वर्णहिं फेरि के अवरण भई छिनार । बैठी आपु अतीत ह्वै कियो अनंत भतार । कबीर बठी शेष ह्वै बिना रूप की राँड़ । गाल बजावै नेति कहि कियो भतारहि भाँड़ ।—कबीर (शब्द॰) । गाल में जाना = मुँह में पड़ना । काल के गाल में जाना = मृत्यु के मुख में पड़ना । मरना । गाल में भरना = खाने के लिये मुँह में रखना । गाल करना = (१) डींग हाँकना । बढ़ बढ़कर बातें करना । सीटना । उ॰—मूढ़ मृषा जनि मारेसि गाला । राम बैर होइहै अस हाला ।—तुलसी (शब्द॰) (२) व्यर्थ बकवाद करना । बड़बड़ाना । मिथ्या कल्पना । उ॰—क्यों न मारे गाल बैठो काल डाढ़न बीच ।—तुलसी (शब्द॰) ।

२. बड़बड़ाने का स्वभाव । बकवाद करने की लत । मुँहजोरी । उ॰—हँस कह रानि गाल बड़ तोरे । दीन्ह लखन सिख अस मन मोरे ।—तुलसी (शब्द॰) । मुहा॰—गाल करना = (१) बोलने में शंका संकोच न कराना । मुँहजोरी करना । मुँह से अंडबंड निकालना । उ॰—कत सिख देइ हमहिं कोउ माई । गालु करब केहि कर बल पाई ।— तुलसी (शब्द॰) । (२) बढ़ बढ़कर बातें करना । डींग मारना । जैसे,—वह मघवा बलि लेतु है नित करि करि गाल । गिरि गोवर्द्ध न पूजिये जीवन गोपाल—सूर (शब्द॰) ।

३. मध्य । बीच । जैसे,—वे पर्वत के गाल में उड़ते दीखते हैं ।— वायुसागर (शब्द॰) ।

४. उतना अन्न जितना एक बार मुँह में डाला जाय । फंका । ग्रास । जैसे,—एक गाल मार लें तो चलें । मुहा॰—गाल मारना = ग्रास मुख में रखना । कौर मुँह में डालना ।

५. वह मुट्ठी भर अन्न जो चक्की में पीसने के लिये एक बार डाला जाता है । झींक ।

६. मुँह । जैसे,—काल के गाल में जाना ।

गाल ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] तमाकू की एक जाति ।