प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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गात संज्ञा पुं॰ [सं॰ गात्र, पा॰ गत्त]

१. शरीर । अंग । उ॰— बैठे देख कुशासन जटा मुकुट कृश गात ।—तुलसी (शब्द॰) ।

२. लज्जा का अंग । गुप्तांग । जैसे,—गात दिखाना ।

३. स्तन । कुच । मुहा॰—गात उमगना = छाती उठाना । कुच निकलना ।

४. गर्भ । मुहा॰—गात से होना = गर्भवती होना ।