प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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गहिर † वि॰ [सं॰ गम्भीर] दे॰ 'गहरा' । उ॰—बाँधल हीर अजर लए हेम । सागर तह हे गरिर छल प्रेम ।—विद्यापति, पृ॰ १४ ।