गहने † क्रि॰ वि॰ [हिं॰ गहना = बंधक] रेहन में । रेहन के रूप में । बंधक । उ॰—जो इन दृग पतिआय नहिं प्रीतम साहु सुजान । दरस रूप धन दै इन्हें धर गहने मम प्रान ।—रस— निधि (शब्द॰) ।