गयंद संज्ञा पुं॰ [सं॰ गजेन्द्र, प्रा॰, गयिंद, गइद] १. बड़ा हाथी । २. दोहे का दसवाँ भेद जिसमें १३ गुरु और २१ लघु होते हैं । जैसे—राम नाम मनि दीप धरु, जीह देहरी द्वार । तुलसी भीतर बाहिरहु जौ चाहसि उँजियार । तुलसी ।