गय
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनगय ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. घर । मकान ।
२. अतरिक्ष । आकाश ।
३. धन ।
४. प्राण ।
५. रामायण के अनुसार एक बानर का नाम जो रामचंद्र की सेना का एक सेनापति था ।
६. महा— भारत के अनुसार एक राजार्षि का नाम जिनकी कथा द्रोण पर्व में हैं ।
७. पुत्र । अपत्य ।
८. एक असुर का नाम ।
९. गया नामक तीर्थ ।
गय ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ गज, प्रा॰, गय] हाथी । उ॰—सुरगण सहित इंद्र ब्रज आवत धवल बरन ऐरावत देख्यो उतरि गगन ते धरनि धँसावत । अमरा शिव रवि शशि चतुरानन हय गय बसह हंस मृग जावत ।—सूर (शब्द॰) ।
गय ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ गति प्रा॰ गय] दे॰ 'गति' । उ॰—लाँवी काँब चटक्कड़ा गय लंबा वइ जाल ।—ढ़ोला॰, दू॰ ४१० ।