प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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गट्टा संज्ञा पुं॰ [सं॰ ग्रन्थ, प्रा॰ गंठ, हिं॰ गाँठ]

१. हथेली और पहुंचे के बीच का जोड़ । कलाई । मुहा॰—गट्टा पकड़ना = तगादा या झगड़ा करने अथवा बल— पूर्वक कुछ माँगने या पूछने आदि के लिये किसी की कलाई पकड़ना । गट्टा उखाड़ना = परास्तकरना । दबाना ।

२. पैर की नली और तलुए के बीच की गाँठ ।

३. गाँठ ।

४. नैचे के नीचे की वह गाँठ जहाँ दोनों नै मिलती हैं और जो फरशी या हुक्के के मुँह पर रहती है ।

५. बीज । जैसे,— कमल गट्टा, सिंघाड़े का गट्टा ।

६. एक प्रकार की मिठाई जो चीनी या शक्कर का तार खींचकर उसे गोल या चौकोर टुकड़ों में काटकर बनाई जाती है ।

७. गाँठ । कंद । उ॰— सौं गट्टे प्याज सौ जूतियों के साथ खायँगे ।—प्रेमघन॰, भा॰ २, पृ॰ १९१ ।