प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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गंगासागर संज्ञा पुं॰ [ सं॰ गङ्गासागर]

१. एक तीर्थ जो उस स्थान पर है जहाँ गंगा समुद्र में गिरती हैं । विशेष—कहते हैं यहाँ कपिल मुनि का आश्रम था और यहीं सगर के पुत्रों को उन्होंने भस्म किया था । यह स्थान कलकत्ते से दक्षिणपूर्व सुंदरबन में है, जहाँ मकर की संक्रांति के दिन बड़ा मेला लगाता है ।

२. मोटे कपड़े की छपी हुई जनानी धोती दो १७-*१८ हाथ लंबी होती है ।

३. एक प्रकार की बड़ी टोंटीदार झरी जो हाथ धुलाने के काम् आती हैं ।