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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

गंधप्रसारिणी संज्ञा स्त्री॰ [ सं॰ गन्धप्रसारिणी] एक लता जिसकी पत्तियाँ ड़ेढ़ इंच चौड़ी और दो इंच लंबी तथा नुकीली होती है । पात्तियों के किनारे कटावदार होते हैं । गंधपसार । गंधपसारी । विशेष—इसकी गंध कड़ई और असह्य होती है । वैद्यक में इसे गरम, भरी तथा बल और वीर्यवर्धक माना है : यह वातापित्त नाशक तथा टूटी हड़ि्ड़यों के जोड़नेवाली है । खाने में कड़वी चरपरी होती है । इसका प्रयोग वैद्यक में स्वरभंग और बवासीर में लिखा है । पर्या॰—सरिवा । शारिवा । गोपी । उत्पलशारिवा । भद्रवल्ली । नागजिह्वा । कराला । भद्रवल्लिका । गोपवल्ली । सुगंधा । भद्रश्यामा । शारदा । आस्फोता । काष्ठशारिवा । धवल- सारिवा ।