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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

गंधण पु वि॰ [फा़॰ गंदह्] मलिन । अपवित । उ॰—गंधण वैण नहीं पतिआवै । अंतरि ज्ञान तिनै आघावौ ।—प्राण॰, पृ॰ २४२ । [को॰] ।