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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

खोपा संज्ञा पुं॰ [सं॰ खपंर, हिं॰ खोपड़ा]

१. छप्पर का कोना ।

२. मकान का कोना जो किसी रास्ते की ओर पडे़ ।

३. केश- विन्यास में वह तिकोनी बनावट जो ठीक ब्रह्मरंध्र पर पड़ती है । इसके सिरे का केना माँग से मिला रहता है और ठीक इसी के आधार पर जूड़ा बाँधा जाता है ।

४. जुड़ा बँधी हुई वेणी । उ॰— सरवर तीर पदमिनी आई । खोपा छोरि केस बिखराई ।— जायसी (शब्द॰) ।

५. गरी का गोला ।