खोड़
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनखोड़ ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ खोट ] देवता, पितर, भूत, प्रेत आदि का कोप । देवकोप । ऊपरी फेर । जैसे,—उसे किसी देवता की खोड़ है ।
खोड़ ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ कोटर] वह छेद जो वृक्ष की लकड़ी के सड़ जाने से होता है । उ॰—मानहु आयो है राज कछू चढ़ि ऐसे ही ऐसै पलास के खोड़े ।—मतिराम (शब्द॰) ।
खोड़ ^३ वि॰ [सं॰ खोड] दे॰ 'खोड' ।