खाली
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनखाली ^१ वि॰ [अ॰ खाली]
१. जिसके अंदर कुछ न हो । जिसके अंदर का स्थान जो शून्य हो । भरा न हो । रीता । रिक्त । क्रि॰ प्र॰—करना । देना ।—होना । मुहा॰—खाली करना = भीतर कुछ न रहने देना । भीतर की वस्तु या सार निकाल लेना । जैसे,—घड़ा खाली करना, संदूक खाली करना ।
२. जिसपर कुछ न हो । जिसपर कोई वस्तु या व्यक्ति न हो । जैसे—कुरसी खाली करना, मेज खाली करना ।
२. जिसमें कोई एक विशेष वस्तु न हो । किसी विशेष वस्तु से शून्य । जैसे, (क) जंगल जानवरों से खाली हो गया । (ख) हमारा मकान खाली कर दो । मुहा॰—हाथ खाली होना, खाली हाथ होना = (१) हाथ या मुट्ठी में रुपया पैसा न होना । अकिंचन या निर्धन होना । खुक्ख होना । जैसे—भाई आजकल हमारा हाथ खाली है; हम कुछ नहीं दे सकते । (२) हाथ में कोई हथियार न होना । (३) हाथ में लिया हुआ काम कमाप्त होना । फुरसत मिलना । अवकाश मिलना । खाली पेट = बिना कुछ अन्न खाए हुए । निरन्ने पेट । बासी मुँह । जैसे,—खाली पेट पानी मत पीओ । खाली हाथ = (१) बिना मुट्ठी में कुछ दाम लिए । बिना कुछ रुपए पैसे के । पैसे,—खाली हाथ जाना ठीक नहीं । (ख) ब्राह्मण को खाली हाथ मत लौटाओ । (२) बिना हथियार के । जैसे,—रात को जंगल में खाली हाथ निकलना अच्छा नहीं ।
४. रहित । बिहीन । जैसे,—(क) उनकी कोई बात मतलब से खाली नहीं होती । उ॰—शुभ आचार धर्म को ज्ञानी रह्यो तनय ते खाली ।—रघुराज (शब्द॰) ।
५. (व्यक्ति) जिसे कुछ काम न हो या जो किसी कार्य में न लगा हो । जैसे,—अब हम खाली है; लाओ तुम्हारा काम देख लें । मुहा॰—खाली बैठना = (१) कोई काम धाम न करना । (२) बेरोजगार रहना । बिना जीविका के रहना ।
५. (वस्तु) जो व्यवहार में न हो या जिसका काम न हो । जैसे,—(क) चाकू खाली हो गया तो इधर लाओ । (ख) इतने खेत खाली पड़े हैं ।
७. व्यर्थ । निष्पल । जैसे,—तुम्हारा प्रयत्न खाली न जायगा । उ॰—पुनि लक्ष्मी हित उद्यम करै । अरु जब उद्यम खाली परै । तब वह रहै बहुत दुख पाई ।—सूर (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—जाना । पड़ना । मुहा॰—निशान या वार खाली जाना = निशाना या वार ठीक न बैठना । अस्त्र का लक्ष्य पर न पहुँचना । आक्रमण व्यर्थ होना । बात खाली जाना या पड़ना = वचन निष्फल होना । कहने के अनुसार कोई बात न होना । वादा झूठा होना । जैसे, -(क) हमारी बात खाली न जायगी; वह कल अवश्य आवेगा । (ख) अगर आज रुपया उनके यहाँ न पहुँचेंगा; तो हमारी बात खाली जायगी । खाली दिन = वह दिन जिस दिन कोई नया या शुभ कार्य न किया जाय । जैसे,—कल तो बुध है, खाली दिन है; कल आरंभ करना ठीक नहीं है । खाली देना = जिसपर वार या आघात किया जाय, उसके वार को बचा जाना । साफ निकल जाना । खाली महीना या खाली चाँद = मुसलमानों का ग्यारहवाँ महीना जो अशुभ माना जाता है ।
खाली ^२ क्रि॰ वि॰ केवल । सिर्फ । अकेले । जैसे—खाली रटने से काम न चलेगा; समझो ।
खाली ^३ संज्ञा पुं॰ तबला, मृदंग आदि बजाने में वह ताल जो खाली छोड़ दिया जाता है और जिसमें बाएँ पर अधात नहीं लगाय ा जाता । इसका व्यवहार ताल की गिनती ठीक रखने के लिये किया जाता है ।