खाब पु † ^१ संज्ञा पुं॰ [फा़॰ ख्बाब] स्वप्न । उ॰—प्यारी के पायन की उपमा द्विज कों सब जानि परि जिमि खाब की । पंकज- पात की बात कहाँ जिन कोमलता लई जीति गुलाब की ।— द्विज (शब्द॰) ।
खाब ^२ † संज्ञा पुं॰ [हिं॰ खाना] भोजन । खाना ।