प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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खान ^१ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ खाना]

१. खाने की क्रिया । भोजन उ॰—खाना तजोंगो ओ पान तजोंगो औ मान तजोंगो न काहू लजोंगी ।—विश्राम॰ (शब्द॰) ।

२. भोजन की सामग्री ।

३. भोजन करने का ढंग या आचार । यौ॰—खानपान । जैसे,—उनका खानपान ठीक नहीं ।

खान ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ खानि]

१. वह स्थान जहाँ से धातु, पत्थर आदि खोदकर निकाले जायँ । खानि । आकार । खदान । मुहा॰—खान खुलना = खाने के खोदने का काम जारी होना ।

२. आधारस्थान । उत्पत्तिस्थान । जैसे,—गुणों की खान ।

३. जहाँ कोई वस्तु बहुत सी हो । खजाना । जैसे,—यहाँ क्या रुपए की खान खुली है ।

खान ^३ संज्ञा पुं॰ [तातार या मंगोल काङ् = सरदार, तु॰ खान]

१. सरदार । उमराव । उ॰—मैन कै बरै तुहिं मैन कहा मत मान । मोहिं देखत बहुतै छले इनने खान खुमान ।—रसनिधि (शब्द॰) ।

२. पठानों की उपाधि ।

खान ^४ संज्ञा स्त्री॰ [पा॰ खाना] कोल्हू का वह छेद जिसमें ऊख की गँडेरियाँ या तेलहन भरकर पेरते हैं । खाँ । घर ।

खान ^५ संज्ञा पुं॰ [सं॰] खोदने का कार्य । खनन । खोदना ।

२. चोट । घाव [को॰] ।