प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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खातर अव्य॰ [फा॰ खातिर] दे॰ 'खातिर' । उ॰— सुनि सुनि प्रभु तेरो गुननि तुव खातर कै जात ।—स॰ सप्तक, पृ॰ ३४५ ।