प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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खसम ^१ संज्ञा पुं॰ [अ॰]

१. पति खाविंद । उ॰—जियत खसम किन भसम रमायो ।—सूर (शब्द॰) । मुहा॰—खसम करना = किसी स्त्री का किसी पुरुष से पति संबंध स्थापित करना । यौ॰—खसमपीटी = पति की मृत्यु देखनेवाली । विधवा (गाली) ।

२. स्वामी । मालिक । द॰—खसम बिन तेली के बैल भयौ ।— कबीर (शब्द॰) ।

३. बैरी । दुश्मन । शत्रु (को॰) ।

खसम ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] एक बुद्ध का नाम [को॰] ।