खटक्रम पु † संज्ञा पुं॰ [सं॰ षट् कर्म; प्रा॰ खटक्रम्म] दे॰ 'षट्' कर्म । उ॰—खटक्रम सहित जे विप्र होते हरि भगति चित दृढ़ नाहीं रे ।—रै॰ बानी, पृ॰ ४१ ।