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प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

खंडकाव्य संज्ञा पुं॰ [सं॰ खण्डकाव्य] वह काव्य जिसमें 'काव्य' के संपूर्ण अलंकार या लक्षण न हों, बल्कि कुछ ही हों । जैसे, मेघदुत आदि ।