प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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खंजक ^१ वि॰ [सं॰ खञ्जक] लँगड़ा । पँगु ।

खंजक ^२ संज्ञा पुं॰ [देश॰] पिस्ते की जाति का एक पेड़ । विशेष—यह बलूचिस्तान में होता है और इसमें रूमी मस्तगी के समान ही एक प्रकार का गोंद निकलता है । यह गोंद उतने काम का नहीं समझा जाता । इसकी पत्तियों के किनारे घोड़े की नाल के आकार में लाही लगती है । पत्तियाँ रँगने और चमड़ा सिझाने के काम में आती हैं ।