प्रकाशितकोशों से अर्थ

सम्पादन

शब्दसागर

सम्पादन

क्वाथ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. पानी में उबालकर औषधियों का निकाला हुआ गाढ़ा रस । काढ़ा । जोशांदा । विशेष—जिस औषधि का क्वाथ बनाना हो उसे एक पल लेकर सोंलह पल पानी में भिगोकर मिट्टी के बरतन में आग पर चढ़ा देते है, और जब उसका आठवाँ अंश बाकी रह जाता है, तब उतार लेते हैं । यदि औषधि अधिक और तौल में एक कुड़व तक हो, तो उसमें आठगुन जल औऱ यदि एक कुड़व से अधिक हो, तो उसमें चौगुना जल देना चाहिए और क्रम से, आधा और तीन चौथाई बच रहने पर उतार लेना चाहिए ।

२. व्यसन ।

३. बहुत अधिक दु:ख ।