क्रक्कस पु † वि॰ [सं॰ कर्कश] कठोर । दृढ । उ॰— सुनि साहाब वजीर बोलि बल की अप्पानाँ । क्रक्कस करतें पर कमान तानी लगि कानाँ ।—पृ॰ रा॰, १२ ।१४८ ।