हिन्दी सम्पादन

प्रकाशितकोशों से अर्थ सम्पादन

शब्दसागर सम्पादन

क्रकच संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. ज्योतिष में एक योग जो उस समय पडता है जब वार और तिथि की संख्या का जोड १३ होता है । विशेष—इसकी गणना के लिये रविवार को पहला, सोमवार को दुसरा, मंगल को तीसरा और इसी प्रकार शनिवार को साँतवाँ दिन मानते और उसी दिन की संख्या को तिथि की संख्या में जोडते हैं । जैसे, यदि शुक्रवार को सप्तमी, बृहस्पती को अष्टमी बुध को नवमी या रवि को द्वादशी हो, तो क्रकच योग होता है । इस योग में कोइ शुभ कार्य करना वर्जित है ।

२. करील का पेड ।

३. आरा । कवत ।

४. एक प्रकार का बाजा ।

५. एक नरक का नाम ।

३. गणित में एक प्रकार की क्रिया जिसके अनुसार लकडी के तख्ते चीरने की मजदुरी स्थिर की जाती है । यौ॰—क्रकचच्छद = केतक वृक्ष । क्रकचपत्न = सागौन वृक्ष । क्रकचपृष्ठी = कवई नाम की मछली ।