कौस्तुभ संज्ञा पुं॰[सं॰] १. पुराणानुसार एक रत्न जो समुद्र मथने के समय निकला था और जिसे विष्णु अपने वक्षस्थल पर पहने रहते हैं । २. तंत्र के अनुसार एक प्रकार की मुद्रा । ३. घोडे की गर्दन के बाल (को॰) ४. एक प्रकार का तेल (क) ।