कौशिक
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनकौशिक संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. इंद्र ।
२. कुशिक राजा के पुत्र गाधि, जों इंद्र के अंश से उत्पन्न हुए थे ।
३. विश्वामित्र (कुशिक राजा के वेशज)
४. जरासंध के एक सेनापति का नाम ।
५. कौशाध्यक्ष ।
६. कोंशकार ।
७. उल्लू ।
८. नेवला ।
९. एक प्रकार का शालवृक्ष । अश्वकर्ण । १० रेशमी कपडा ।
११. शृंगार रस ।
१२. मज्जा । १३ एक उपपुराण ।
१४. हनुमत के मत से छह रागों में से एक । कुकुभा, खंभावती , गुणकिरी, कौरी और टोडी रागिनियाँ इसकी पत्नी हैं ।— (संगीत) ।
१५. अथर्ववेद का एक सूक्त । विशेष—इससे देव, पितृ तथा पाकयज्ञ, मंत्रों के गण, युद्ध तथा राजनीति, वज्र तथा वृष्टिनिवारण के मंत्र, विवाह की विधि, वेदारंफ और वेदाध्ययन की विधि आदि विषयों का वर्णन हैं ।
१६. गुगुल । गुग्गुल (को॰) ।
१७. संपेरा (को॰) ।
१८. शिव का एक नाम (को॰) । . वह जो छिपे खजाने को जानता है (को॰) ।
कौशिक ^२ वि॰
१. कोश या म्यान में रखा हुआ ।
२. रेशम का । रेशमी [को॰ ] ।