कौतक पु संज्ञा पुं॰ [हिं॰ कौतुक] खेल तमाशा । उ॰— सुर नर मुनि जब कौतक आए कोटि तैतीसो जाना । — कबीर ग्रं॰, पृ॰ २९६ ।