प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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कोकिल संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. कोयल । पर्या॰—पिका । परभृत । ताभ्राक्ष । वनप्रिय । परपुष्ट । अन्यपुष्ट । वसंतदूत । रक्ताक्ष । मधुगायन । कलकंठ । कामांध । काकली- रव । कुहूख । यौ॰— कोलकंठी= दे॰ 'कोकीलबैनी' । कौकिलनयन= ताल मखाना । कोकलिबैनी=कोयल जैसा मधुर बोलनेवाली । उ॰— लंक सिंधिनी सारंगनैनी । हंसगमिनी । कोकिलबैनी ।—जायसी ग्रं॰, पृ॰, १२ । कोकिलरव । दे॰ 'कोकिलारव' ।

२. नीलम की एक छाया ।

३. एक प्रकार का चूहा जिस केकाटने से ज्वर आता है और बहुत जलन होती है ।

४. छप्पय का १९ वाँ भेद जिसमें ५२ गुरु, ४८ लघु अर्थात् १०० वर्ण या १५२ मात्राएँ होती हैं ।

५. जलता हुआ अंगारा ।