कृकर संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. मस्तक की वह वायु जिसके वेग से छींक आती है । १. शिव । ३. चाव । चव्य । ४. एक प्रकार का पक्षी । ५. कनेर का पेड़ा ।